Thursday, 1 June 2017

भारत की मुख्य पैदावार

भारत विभिन्न प्रकार के मौसम और मिट्टी से समृद्ध है। इसलिए यहां कीमती लकड़ी, सुगंधित मसाले, आकर्षक फूल और सुगंधित घास उगती है। आयुर्वेद के चिकित्सक इन पौधों का भावनात्मक, मानसिक या शारीरिक रोगों में इलाज करना जानते हैं। चंदन, अगर, जुटामांसी, वेटीवर, केसर, दालचीनी, चमेली, गुलाब, धनिया और अदरक आदि कुछ ऐसे सुगन्धित पौधे हैं जो कि उनके द्वारा उपचार की क्षमता के आधार पर मान्यता प्राप्त हैं।


इसके अलावा पौधों का उपयोग लोगों के कल्याण के लिए खाना बनाने, दवा बनाने, मालिश के तेल, सौंदर्य प्रसाधन, प्राकृतिक चंदन आधरित इत्र, धूप, फूलों की माला और मरहम बनाने में होता है। राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक या धार्मिक भारतीय जीवन में शायद ही कोई ऐसा पहलू हो जो इन पौधों से प्रभावित ना रहा हो।

भारत के वनस्पति खजाने में रुचि रखनेवालों के लिए पूरे देश में कई आकर्षण मौजूद हैं।
फूल बाजार, आयुर्वेदिक फार्मेसी और अस्पताल, पारंपरिक इत्र केन्द्र, धूप की दुकानें और उत्पादक, इत्र तेल और अत्तर डिस्टिलरीज, बॉटनीकल गार्डन, मंदिर, मसालों की दुकान और विवाह समारोह, यह सब वह स्थान हैं जहां भारतीय जीवन में प्राकृतिक दुनिया का मेल देखा और अनुभव किया जा सकता है।



हिमालय की ढलानों से लेकर उत्तर पश्चिम और प्रायद्वीपीय भारत के जंगलों तक और अर्द्ध-शुष्क मध्य वनों से लेकर केरल के हरे भरे बागों तक और बंगाल, उत्तरपूर्वी पर्वतों और अंडमान और निकोबार में भारत की वनस्पतियां विविध भौगोलिक स्थिति के अनुरुप हैं।
भारत के जंगलों में रहने वाले कुछ प्रमुख जानवर रॉयल बंगाल टाइगर, बंदर, हाथी, लोमडि़यां, सियार, नेवला, भारतीय मगरमच्छ, घडि़याल, छिपकलियां, सांप-कोबरा शामिल हैं।
भारतीय मोर जो कि राष्ट्रीय पक्षी भी है के साथ ही क्रेन, स्टॉर्क, बुज्जा, हॉक, हॉर्नबिल, तोते और कौवे भी यहां पाए जाते हैं।

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